*वैदिक संस्कार क्यों किये जाते हैं ?*
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*????1. गर्भाधान संस्कार - युवा स्त्री-पुरुष उत्तम सन्तान की प्राप्ति के लिये विशेष तत्परता से प्रसन्नतापूर्वक गर्भाधान करे।*
*????2. पुंसवन संस्कार - जब गर्भ की स्थिति का ज्ञान हो जाए, तब दुसरे या तीसरे महिने में गर्भ की रक्षा के लिए स्त्री व पुरुष प्रतिज्ञा लेते है कि हम आज ऐसा कोई कार्य नहीं करेंगे जिससे गर्भ गिरने का भय हो।*
*????3. सीमन्तोन्नयन संस्कार - यह संस्कार गर्भ के चौथे मास में शिशु की मानसिक शक्तियों की वृद्धि के लिए किया जाता है इसमें ऐसे साधन प्रस्तुत किये जाते है जिससे स्त्री प्रसन्न रहें।*
*????4. जातकर्म संस्कार - यह संस्कार शिशु के जन्म लेने पर होता है। इसमें पिता सोने या चांदी की सलाई द्वारा घी और शहद के विमीश्रन से जिह्वा पर ओ३म् लिखते हैं और कान में 'वेदोऽसि' कहते है।*
*????5. नामकरण संस्कार- जन्म से ग्यारहवें या एक सौ एक या दूसरे वर्ष के आरम्भ में शिशु का नाम प्रिय व सार्थक रखा जाता है।*
*????6. निष्क्रमण संस्कार - यह संस्कार जन्म के चौथे माह में उसी तिथि पर जिसमें बालक का जन्म हुआ हो किया जाता है। इसका उद्देश्य शिशु को उद्यान की शुद्ध वायु का सेवन और सृष्टि के अवलोकन का प्रथम शिक्षण है।*
*????7. अन्नप्राशन संस्कार - छठे व आठवें माह में जब शिशु की शक्ति अन्न पचाने की हो जाए तो यह संस्कार होता है।*
*????8. चूडाकर्म (मुंडन) संस्कार - पहले या तीसरे वर्ष में शिशु के बाल कटवाने के लिये किया जाता है।*
*????9. कर्णवेध संस्कार - कई रोगों को दूर करने के लिए शिशु के कान बींधे जाते है।*
*????10. उपनयन संस्कार - जन्म से आठवें वर्ष में इस संस्कार द्वारा लड़के व लड़की को यज्ञोपवीत (जनेऊ) पहनाया जाता है।*
*????11. वेदारम्भ संस्कार - उपनयन संस्कार के दिन या एक वर्ष के अन्दर ही गुरुकुल में वेदों के अध्ययन का आरम्भ किया जाता है।*
*????12. समावर्तन संस्कार - जब ब्रह्मचारी व्रत की समाप्ति कर वेद-शास्त्रों के पढ़ने के पश्चात गुरुकुल से घर आता है तब यह संस्कार होता है।*
*????13. विवाह संस्कार - विद्या प्राप्ति के पश्चात जब लड़का-लड़की भली भांति पूर्ण योग्य बनकर घर जाते है तब दोनों का विवाह गुण-कर्म-स्वभाव देखकर किया जाता है।*
*????14. वानप्रस्थ संस्कार - जब घर में पुत्र का पुत्र हो जाए, तब गृहस्थ के धन्धे को छोड़ कर वानप्रस्थ आश्रम में प्रवेश किया जाता है।*
*????15. सन्यास संस्कार - वानप्रस्थी वन में रह कर जब सब इन्द्रियों को जीत ले, किसी में मोह व शोक न रहे तब संन्यास आश्रम में प्रवेश किया जाता है।*
*????16. अन्त्येष्टि संस्कार - मनुष्य शरीर का यह अन्तिम संस्कार है जो मृत्यु के पश्चात शरीर को जलाकर किया जाता है।*
*????यह संक्षेप में 16 वैदिक संस्कारों का प्रयोजन संक्षेप में बताया है। इन सोलह संस्कारों की वैज्ञानिकता और महानता को विस्तार में जानने के लिए पुस्तक #संस्कार_विधि पढ़ें।*
पंडित ओम प्रकाश शर्मा
ज्योतिषाचार्य उज्जैन
9977742288
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