ज्योतिषाचार्य,यज्ञाचार्य,
प्रश्न कुंडली फलित कर्ता
जन्म कुंडली हमारी एक भाग्य दर्पण हे जिससे हम अपने रास्ते चुन सके हम को चलने की दिशा ग्रह ही बताते हे कोन से दिन कोन से रास्ते से जाना है
जन्म कुंडली हमारा जन्म से लेकर मृत्यू तक हमारे सारे कर्म विद्यमान रहते है सारी होने वाली गटना बाधा, विघ्न,संकट, भय ,बीमारी को दर्शाती है ।।
और हमारे शरीर के साथ सुख दुख विवाह, पत्नी, भवन, भूमि, पढाई, नोकरी, सन्तान, लाभ, हानि, व्यपार आदि योग हमारी जन्म कुंडली में लिखा रहता है जीवन में अपने विश्वास वाले पंडित जी से अपनी पत्रिका हमेशा साल में एक बार जरूर दीखाना चाइये जिससे होने वाली हर समय की जान करि आप को समय से मिल सके।।
तिष एक नेत्र हे जिसे हम उस समय की होने वाली हर गड़ी का फलित हो जाता है
∆कुंडली में ग्रह दोस की वजह से हम दुखी रहते हैं विघ्न बाधा संकट आधी हमें गिरती है उनका पूजन हवन जाप नहीं करते हैं और ईश्वर को हम दोषी बनाते हैं कि ईश्वर हमारा साथ नहीं दे रहा है जी ऐसा नहीं है इसलिए इन ग्रहों को मनाएं और ग्रहों की शांति कराएं दोषों की शांति हवन पूजन कराते रहना चाहि य
∆विश्वासपात्र विद्वान ब्राह्मण के पास जाकर अपने दोषों की जानकारी ले और उन दोषों की शांति पूजन जाप हवन जीवन में अवश्य कराएं जीवन में ग्रहों को हमेशा बना के रखना चाहिए पहले ग्रह, पितृ और इष्ट जो व्यक्ति इन तीनों को मना लेता है उसके जीवन में कभी भी उतार-चढ़ाव नहीं आता है
मंगल पूजा , कालसर्फ योग पूजा , चांडाल पूजा, ग्रहण पूजा, महामृत्युंजय मंत्र जाप, देवी पाठ आदि कर्म विदी विदान द्वारा सम्पन्न कराया जाता है
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