Nitay niyam kram { नित्यं नियम कर्म }

August 30, 2017

*स्नान कब ओर केसे करे घर की समृद्धि बढाना हमारे हाथमे है*
सुबह के स्नान को धर्म शास्त्र में चार उपनाम दिए है।

*1* *मुनि स्नान।*
जो सुबह 4 से 5 के बिच किया जाता है।
.
*2* *देव स्नान।*
जो सुबह 5 से 6 के बिच किया जाता है।
.
*3* *मानव स्नान।*
जो सुबह 6 से 8 के बिच किया जाता है।
.
*4* *राक्षसी स्नान।*
जो सुबह 8 के बाद किया जाता है।

मुनि स्नान सर्वोत्तम है।
देव स्नान उत्तम है।
मानव स्नान समान्य है।
राक्षसी स्नान धर्म में निषेध है।
.

किसी भी मानव को 8 बजे के बाद स्नान नही करना चाहिए।
.
*मुनि स्नान …….*
घर में सुख ,शांति ,समृद्धि, विध्या , बल , आरोग्य , चेतना , प्रदान करता है।
.
*देव स्नान ……*
आप के जीवन में यश , किर्ती , धन वैभव,सुख ,शान्ति, संतोष , प्रदान करता है।
.
*मानव स्नान…..*
काम में सफलता ,भाग्य ,अच्छे कर्मो की सूझ ,परिवार में एकता , मंगल मय , प्रदान करता है।
.
*राक्षसी स्नान…..*
दरिद्रता , हानि , कलेश ,धन हानि , परेशानी, प्रदान करता है ।
.
किसी भी मनुष्य को 8 के बाद स्नान नही करना चाहिए।
.
पुराने जमाने में इसी लिए सभी सूरज निकलने से पहले स्नान करते थे।

*खास कर जो घर की स्त्री होती थी।* चाहे वो स्त्री माँ के रूप में हो,पत्नी के रूप में हो,बेहन के रूप में हो।
.
घर के बडे बुजुर्ग यही समझाते सूरज के निकलने से पहले ही स्नान हो जाना चाहिए।
.
*ऐसा करने से धन ,वैभव लक्ष्मी, आप के घर में सदैव वास करती है।*
.
उस समय…… एक मात्र व्यक्ति की कमाई से पूरा हरा भरा पारिवार पल जाता था , और आज मात्र पारिवार में चार सदस्य भी कमाते है तो भी पूरा नही होता।
.
उस की वजह हम खुद ही है । पुराने नियमो को तोड़ कर अपनी सुख सुविधा के लिए नए नियम बनाए है।
.
प्रकृति ……का नियम है, जो भी उस के नियमो का पालन नही करता ,उस का दुष्टपरिणाम सब को मिलता है।
.
इसलिए अपने जीवन में कुछ नियमो को अपनाये । ओर उन का पालन भी करे।
.
आप का भला हो ,आपके अपनों का भला हो।
.
मनुष्य अवतार बार बार नही मिलता।
.
अपने जीवन को सुखमय बनाये।

जीवन जीने के कुछ जरूरी नियम बनाये।
*याद रखियेगा !*
*संस्कार दिये बिना सुविधायें देना, पतन का कारण है।*
*सुविधाएं अगर आप ने बच्चों को नहीं दिए तो हो सकता है वह थोड़ी देर के लिए रोए।*
*पर संस्कार नहीं दिए तो वे जिंदगी भर रोएंगे।*
ऊपर जाने पर एक सवाल ये भी पूँछा जायेगा कि अपनी अँगुलियों के नाम बताओ ।
जवाब:-
अपने हाथ की छोटी उँगली से शुरू करें :-
(1)जल
(2) पथ्वी
(3)आकाश
(4)वायू
(5) अग्नि
ये वो बातें हैं जो बहुत कम लोगों को मालूम होंगी ।

5 जगह हँसना करोड़ो पाप के बराबर है
1. श्मशान में
2. अर्थी के पीछे
3. शौक में
4. मन्दिर में
5. कथा में

सिर्फ 1 बार भेजो बहुत लोग इन पापो से बचेंगे ।।

अकेले हो
परमात्मा को याद करो ।

परेशान हो
ग्रँथ पढ़ो ।

उदास हो
कथाए पढो ।

टेन्शन मे हो
भगवत गीता पढो ।

हरि ॐ
हे परमात्मा हम पर और समस्त प्राणियो पर कृपा करो……

सूचना
क्या आप जानते हैं
हिन्दू ग्रंथ रामायण, गीता, आदि को सुनने,पढ़ने से कैन्सर नहीं होता है बल्कि कैन्सर अगर हो तो वो भी खत्म हो जाता है।

व्रत,उपवास करने से तेज़ बढ़ता है,सर दर्द और बाल गिरने से बचाव होता है ।
आरती—-के दौरान ताली बजाने से
दिल मजबूत होता है ।

ये मेसेज असुर भेजने से रोकेगा मगर आप ऐसा नही होने दे और मेसेज सब नम्बरो को भेजे ।

श्रीमद भगवत गीता पुराण और रामायण ।
.
”कैन्सर”
एक खतरनाक बीमारी है…
बहुत से लोग इसको खुद दावत देते हैं …
बहुत मामूली इलाज करके इस
बीमारी से काफी हद तक बचा जा सकता है …

अक्सर लोग खाना खाने के बाद “पानी” पी लेते है …
खाना खाने के बाद “पानी” ख़ून में मौजूद “कैन्सर “का अणु बनाने वाले ”’सैल्स”’को ”’आक्सीजन”’ पैदा करता है…

”हिन्दु ग्रंथो मे बताया गया है कि…

खाने से पहले’पानी ‘पीना
अमृत”है…

खाने के बीच मे ‘पानी ‘ पीना शरीर की
”पूजा” है…

खाना खत्म होने से पहले ‘पानी’
”पीना औषधि” है…

खाने के बाद ‘पानी’ पीना”
बीमारीयो का घर है…

बेहतर है खाना खत्म होने के कुछ देर बाद ‘पानी ‘पीये…

ये बात उनको भी बतायें जो आपको “जान”से भी ज्यादा प्यारे है…

जय श्री राम

रोज एक सेब
नो डाक्टर ।

रोज पांच बदाम,
नो कैन्सर ।

रोज एक निबु,
नो पेट बढना ।

रोज एक गिलास दूध,
नो बौना (कद का छोटा)।

रोज 12 गिलास पानी,
नो चेहेरे की समस्या ।

रोज चार काजू,
नो भूख ।

रोज मन्दिर जाओ,
नो टेन्शन ।

रोज कथा सुनो
मन को शान्ति मिलेगी ।।

“चेहरे के लिए ताजा पानी”।

“मन के लिए गीता की बाते”।

“सेहत के लिए योग”।

और खुश रहने के लिए परमात्मा को याद किया करो ।

अच्छी बाते फैलाना पुण्य है.किस्मत मे करोड़ो खुशियाँ लिख दी जाती हैं ।
जीवन के अंतिम दिनो मे इन्सान इक इक पुण्य के लिए तरसेगा ।

जब तक ये मेसेज भेजते रहोगे मुझे और आपको इसका पुण्य मिलता रहेगा…

जय श्री राम

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

There are serious errors in your form submission, please see below for details.